नाटक व पिफल्म का इतिहास • नाटक व पिफल्म की उपयोगिता • मंचीय तथा पिफल्म निर्माण की प्रक्रिया की जानकारी • नाटक और पिफल्म में अंतर • नाटक की विभिन्न शैलियां • पिफल्म : कला तथा व्यावसायिक पिफल्म की विशेषता और उनमें मूलभूत अंतर • नाटक- नुक्कड़, लोकनाटक आदि में अन्तर • काटर्ून पिफल्मों की निर्माण प्रक्रिया • विज्ञापन पिफल्म, टेलीपिफल्म, बाल पिफल्म आदि के विषय में जानकारी • नाटक और पिफल्म के तकनीकी विभाग का सामान्य अèययन • ‘अच्छे कलाकार कैसे बने, एकिटंग के समय उत्पन्न कमजोरियों को दूर कैसे करें? • निर्देशक व कलाकार के बीच सामंजस्य तथा एकरूपता- एक अèययन
• प्रायोगिक •
• शारीरिक अंग संचालन और मुद्राओं पर पकड़ मजबूत करने के लिए कुछ निशिचत व्यायाम और योगासन • स्वर पर नियंत्राण रखने का अभ्यास • शु( उच्चारण, प्रभावशाली व कलात्मक अभिव्यकित के लिए नियमित अभ्यास • भाव मुद्राओं को सीखना • सम्वाद व भावमुद्राओं के साथ शारीरिक गति संचालन • समूहब( गति संचालन • मूक अभिनय, एकल अभिनय ;डवदव ।बजपदहद्ध • पाश्र्व संगीत और अभिनय • गध व पध शैलियों में संवाद और अभिनय • नाटक के विभिन्न शैलियों का प्रायोगिक ज्ञान • मेकअप, वेश-भूषा, प्रकाश, èवनि, वाधयन्त्रा, नृत्य संगीत, मंच सज्जा, पटाक्षेप आदि तकनीकी पहलुओं की सामान्य जानकारी • पिफल्म से जुड़े तकनीकी पक्षों की सामान्य जानकारी • कैमरा पफेसिंग • चरित्रा व दृश्य के अनुसार सम्वाद एवं अभिनय • नाटयपिफल्म : अèययन और विश्लेषण • समूह के बीच नाटकपिफल्मी दृश्य के सभी पहलुओं पर चर्चा में भाग लेना तथा अपनी राय जाहिर करना • वर्कशाप में भाग लेकर कलाकार बतौर नाटक में अपनी क्षमता का परिचय देना तथा कमजोरियों को दूर करना • विधालय द्वारा कलाकार की कमजोरियों को दूर करने हेतु विशेष प्रायोगिक कक्षाएं तथा अèययन सामग्री • स्टेज कार्यक्रम में हिस्सेदारी- पुन: मूल्यांकन
पिफल्मअभिनय विभाग ;सीनियर वर्गद्ध
• प्राथमिक स्तर की जानकारी देना पिफल्म निर्माण प्रक्रिया के सभी विभागों की सामान्य जानकारी प्रदान करना – पट-कथा लेखन, निर्देशन, अभिनय, सिनेमाटोग्रापफी ;पिफल्मांकनद्ध, सम्पादन, अभिनय आदि • सै(ानितक और प्रायोगिक अभ्यास, छात्रा-छात्रााओं के ज्ञान को विकसित करने के लिए अभिनय की शास्त्राीय विकास यात्राा के संबंध् में बताना • पिफल्म निर्माण की प्राथमिक जानकारी
• निर्देशन •
• सिनेमा का इतिहास, पिफल्म निर्माण की प्रक्रिया, पर्दे का व्याकरण, èवनि और दृश्य के बारे में सोचना, अभिनय, निर्देशक की भूमिका, सिनेमा का दूसरी कलाओं से संबंध्। उपयर्ुक्त पहलुओं का व्यापक अèययन और प्रयोग
सिनेमाटोग्रापफी – कच्ची ;त्वूद्ध सामग्री :-
• पिफल्मांकन के 5 ब्े • कैमरे का प्रकार या किस्म • लेंस, पिफल्टर, एक्सपोजर तथा एक्पोजर मीटर, प्रकाश, परावर्तक, विशेष प्रभाव • सै(ांतिक और प्रायोगिक प्रशिक्षण
सम्पादन
• सम्पादन के संबंध् में परिचय, सम्पादन की भूमिका, सम्पादन के लिए उपयोग में लिये जानेवाले म्ुनपचउमदज, पिफल्म सम्पादन की प्रक्रिया • èवनि और तस्वीर, छमहंजपअम ब्नजजपदह – ।-ठ त्वद सिस्टम • शूटिंग एवं एडिटिंग करते समय सम्पादन के सि(ांत
• सम्पादन की तकनीक – समय का निर्धरण, समानान्तर काट-छांट, जम्पकट, त्लजीमउपब कटिंग आदि।
प्रयोग ;च्तंबजपबंसद्ध
• दृश्य अवलोकन एवं कथानक को दृषिट में रखते हुए पिफल्म का सम्पादन, छात्रा-छात्रााओं को एक निशिचत स्थान का अवलोकन के लिए भेजना • निर्दिष्ट क्षेत्रा का सामूहिक अवलोकन के साथ वहां की विशेष परिवेशगत अनुभवों को महसूस करते हुए अपनी रूचि के आधर पर कुछ विशेष तथ्यों को नोट करना और उसी परिप्रेक्ष्य में एक पटकथा तैयार करना।
पटकथा लेखन
• डाक्यूमेन्ट्री पिफल्म का ैबतपचज लिखना • पिफक्शन पिफल्म के लिये ैबतपचज लिखना • लघु पिफल्मविज्ञापन पिफल्म आदि के लिए ैबतपचज लिखना • धरावाहिक के ैबतपचज पर विशेषता हासिल करना
èवनि अंकन
पिफल्म निर्माण की योजना
• प्रोपोजल को लिखना तथा उसके अनुसार म्यूजिक
• क्वबनउमदजंतल थ्पसउ के लिए • थ्पबजपवद थ्पसउ के लिए
• प्रायोगिक •
• संगीत सीखना तथा दृश्यांकन करना • विशेष चयनित स्थल पर दृश्यांकन करना, संगीत की विशिष्टता तथा उसकी शैली को èयान में रखकर दृश्यांकन को समायोजित करना।
थ्प्स्ड
।बजपदह ;अभिनयद्ध
उíेश्य
• अभिनय के आध्ुनिक तकनीक तथा अभिनेता की योग्यता का समायोजन करना, अभिनेता के अन्दर छिपी प्रतिभा को विकसित करना • शिक्षण की सामान्य रूप रेखा • अभिनेता को नाटय यंत्रा के रूप में प्रारंभिक ट्रेनिंग देना, प्राथमिक अभिनय का अभ्यास, अभिनय की समस्या, व्यकितगत तथा सामूहिक रूप में समस्या का निदान।
टवपबम – आवाज
• उच्चारण दोष से जुड़ी आदतों को सुधरना तथा अभिव्यकित को प्रभावशाली बनाना, स्वर को विभिन्न सिथतियों में घटाने-बढ़ाने या आवाज को देर तक उच्चारित करने हेतु श्वांस पर नियंत्राण रखने का अभ्यास, सहज अवस्था तथा श्वांस को रोके रहने की अवस्था में उच्चारण के रूपों की बारीकियों को समझना।
उच्चारण
• वाक्य को ठीक से बोलना, स्पष्टता, कलात्मकता, शु( तथा प्रभावशाली उच्चारण – हर दृषिट से उच्चारण दोष को ठीक करना।
अवलोकन ;व्इेमतअंजपवदद्ध
• मुद्रा भाव का अèययन करना, दृषिट का परीक्षण एवं चरित्रा अèययन • अभिनय क्षमता का विकास • अभिनेता को व्यापक परिक्षेत्रा में अभिनय क्षमता को स्वयं विकसित करना तथा वास्तविक परिदृश्य के अनुसार समझ को विकसित करना, अपने को सम्वेदनशील बनाना।
गति संचालन
• शारीरिक अभिनय गति को लचीला बनाना, शरीर को गतिशील यंत्रा के रूप में प्रयोग करने की कला सीखना, प्रारंभिक तथा विकसित तकनीक के परिप्रेक्ष्य में विशेष चरित्रा तथा परिवेश के अनुसार अभिनय क्षमता को आगे बढ़ाना
मूक अभिनय
• शारीरिक अंगों एवं भावमुद्राओं द्वारा अपने को अभिव्यक्त करना
अèययन
• अभिनय कला का इतिहास, कला तथा अभिनय कला संबंध्
दृश्य विश्लेषण
• कैमरे के सामने एक छोटा दृश्य, भावनात्मक, सांवेगिक सिथतियों, प्रवृत्तियों के साथ परिदृश्य व चरित्रा में बदलाव, दिये गये सम्वादों का उच्चारण, एक समूह द्वारा भावनात्मक सांवेगिक प्रभावों की संरचना करना, समय के साथ प्रभावोत्पत्ति, कैमरा पफेसिंग, तकनीक एवं कला के स्वरूप तथा संबंध् को जानना।
नृत्य-संगीत
• विषयानुसार संगीत के आधर पर नृत्य-अभिनय। नृत्य-संगीत के साथ अभिनय के जुड़ाव को मूल रूप में अèययन करना।
पाश्र्व èवनि-संगीत
• इसके अनुसार अपने को गति में लाना।
कैमरा प्रायोगिक
• पिफल्म शूटिंग क्या है? अलग-अलग दृश्य तथा लेन्स के बारे में तथा उनके प्रभावों को जानना, अभिनय की क्रमभंगता तथा पिफल्म की भाषा को समझना।
विश्लेषण
• अभिनेता के विचारोें- उíेश्योें का विश्लेषण करना
अन्य
• मेकअप, वस्त्रा विन्यास तथा पफार्इटिंग आदि की सामान्य जानकारी प्राप्त करना।
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