Acting

रंगमंच
अभिनय
सै(ानितक
• रंगमंच तथा उसका इतिहास • क्रमिक विकास व परिवर्तन • रंगमंच की शैलियां • रंगमंच और लोक नाटय विधएं • नट-नटी, सूत्राधर शास्त्राीय रूपों में • नुक्कड़ नाटक-अतीत व वर्तमान के संदर्भ में • सामाजिक, राजनैतिक तथा ऐतिहासिक नाटकों के स्वरूप और संबंध् • शास्त्राीय रंगमंच तथा नौटंकी • रंगमंचीय व नुक्कड़ शैली का संयोजन : विशेष अèययन • पारसी थियेटर शैली, विदेशिया शैली की विशिष्टता तथा आज का सिनेमा • एकांकी, मूक अभिनय, एकल अभिनय एवं स्वांग-परिचय • नृत्य नाटिका, संगीत नाटक, कहानीकविता का नाटयमंचन : विशेष अèययन • कथ्य, संवाद, संगीत, èवनि, प्रकाश, वेश-भूषा, रूप सज्जा, मंच संयोजन का अèययन • पिफल्म तथा नाटक में अंतर तथा उनके बीच एकरूपता का विश्लेषण • रंगमंच और दर्शक : एक मूल्यांकन – ‘चुनौतियां • किसी विशेष नाटक का अèययन विश्लेषण तथा अभिनेता का उस पर अपना दृषिटकोण लिखन

• प्रायोगिक •
• शब्द, वाक्य या किसी सम्वाद के सही उच्चारण का अभ्यास • उच्चारण दोषों को दूर करना • शु(, स्पष्ट और कलात्मक अभिव्यकित को प्रभावशाली बनाना • क्तंउं ैबतपचज के किसी मुख्य अंश को पढ़वाना तथा उस पर अपना विचार रखने के लिए अभिनेता को प्रेरित करना • नाटक के मूल लक्ष्य को समझने के लिए अभिनेता को सहयोग प्रदान करना • श्वास पर नियन्त्राण के लिए नियमित अभ्यास • विभिन्न सिथतियों, परिवेशों में आवाज के उतार-चढ़ाव के प्रति सम्वेदनशील बनने का मानसिक-शारीरिक प्रयोग • शारीरिक गति संचालन को दृश्य, संवाद तथा भावमुद्राओं के अनुरूप संयोजित करना • शरीर को यांत्रिक पिफर भावना, सम्वेदना, परिवेशगत सिथति तथा चरित्रा के अनुसार सम्वाद में रूपांतरण करते हुए गति संचालन का विशेष अभ्यास • वास्तविक व कृत्रिम भावमुद्राओं तथा सम्वादों के बीच अन्तर्निहित सूक्ष्म अन्तर को भी ठीक तरीके से समझने का अभ्यास • विशेष चरित्रागुणों के अनुरूप अभिनय को रूपान्तरित कर देने की कला में दक्षता हासिल करना • मूलत: अभिनेता के अभिनय क्षमता को विकसित करने तथा सम्वेदनशील बनाने की प्रक्रिया से गुजरना • गध व गायन शैली के सम्वादों के अंतर को समझना तथा दोनों शैलियों पर महारत हासिल करना • रंगमंचीय नाटक के साथ नुक्कड़ नाटक, नौटंकी शैली या अन्य लोक शैली के नाटकों का प्रायोगिक ज्ञान • मंचीय संरचना व परिकल्पना के विषय में जानकारी • वेश-भूषा, दृश्य-संयोजन, प्रकाश èवनि आदि तकनीकी पक्ष का सामान्य ज्ञान • संगीत, नृत्य आदि की सामान्य जानकारी • समूहब( होकर नाटय अभिनय तथा उसके हर पहलुओं पर विचार-विमर्श या बहस चलाकर अभिनेता के विवेक तथा अनुभव को विकसित करना • वर्कशाप के आयोजनोपरान्त नाटय प्रस्तुति में छात्रा-छात्रााओं केा पात्रा बतौर शामिल करके उनकी प्रतिभा व अभिनय क्षमता का मूल्यांकन करना तथा पुन: विशेष कक्षाओं का संचालन कर उनकी सृजनात्मकता केा बहुआयामी बनाना।